काली माँ की आरती | माता काली की आरती | महाकाली की आरती | Kali Ma Ki Aarti| Kali Mata Ki Aarti Lyrics …..

इस पोस्ट मै आप काली माँ की आरती के बारे मै जानेंगे – महा काली माता दुर्गा का 7वा रूप है । देवी दुर्गा का ये रूप पापियों का संघर करता है । काली माँ की आरती करने से आपके मन को शान्ति प्राप्त होती है । चलिए हम सभी मिलके माता काली की आरती करते है और उन्हे प्रससन करते है।

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
 तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती


 तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |
 दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |


 सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,
 दुशटन को तू ही ललकारती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


 माँ बेटी का है इस् जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
 पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |


 सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,
 दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


 नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |
 हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |


 सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,
 सतियो के सत को संवरती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


 चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |
 वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |


 माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,
 भक्तो के करेज तू ही सरती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


 अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
 तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

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