मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं भजन
दुनिया से भरोसा टूट गया किसी और पे अब एतबार नही
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं
सारी दुनिया से बढ़कर के मैंने माँ के प्यार को जाना है
तेरे चरणों में वो जादू है के झुकता सारा जमाना है
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं
मैया तेरे दीवानों ने चौकी तेरी सजायी है
ममता से भरी प्यारी मूरत भक्तो के मन को भाई है
मै देखू जहा तक मेरी माँ तेरा अक्ष नजर आता है मुझे
नजरों का मेरी दोश नही मेरे मन में तू ही समायी है
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं
तू साथ रहे किस बात का गम हिम्मत मेरी बढ़ जाती है
तेरे दर पे सर को झुकाने से शौहरत मेरी बढ़ जाती है
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं
यारो मौजी को होश कहा ये दुनिया से बेगाना है
सारी दुनिया ये कहती है ये मैया का दिवाना है
मेरी माँ के जैसा कोई दरबार नहीं