शनि देव आरती | शनि देव जी की आरती | Shani Dev Aarti | Shani Dev Aarti Lyrics……..

इस पोस्ट मै हम शनिदेव जी की आरती के बारे मै जानेंगे – शनिदेव भगवान सूर्य तथा माता छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं । शनि देव पत्नी के श्राप के कारण इनको क्रूर ग्रह माना जाता है। शनि देव के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। शनिदेव वर्ण कृष्ण है व ये गिद्ध की सवारी करते हैं। आज के युग मै भगवान शनि देव की पूजा काफी लोग करते है क्युकी कहा जाता है की भगवान शनि देव की पूजा करने से बुरे समय का निवारण किया जाता है ।

शनि देव आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

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