इस गलती की वजह से हुआ था कलीपुरुष का जन्म

इस गलती की वजह से हुआ था कलीपुरुष का जन्म– कुछ लोगों का मानना है कि राजा परीक्षित की गलती की वजह से कलयुग का आरंभ हुआ था. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ऋषि श्रृंगी ने राजा परीक्षित को श्राप दिया था कि सातवें दिन नागराज तक्षक उन्हें डस लेंगे और उनकी मृत्यु हो जाएगी. 

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, जब कलयुग अपने अंतिम चरण में होगा और चारों तरफ धर्म की हानि होगी, तब भगवान विष्णु कल्कि रूप में पृथ्वी पर प्रकट होंगे. कल्कि अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल में होगा. पुराणकथाओं के मुताबिक, कलियुग में पाप की सीमा पार होने पर विश्व में दुष्टों के संहार के लिए कल्कि अवतार प्रकट होगा. 

कलीपुरुष अभी अपने भौतिक रूप में नहीं आया है. वह अपनी शक्तियों से इंसान पर काबू पा सकता है. कलयुग के अंत में वह भौतिक रूप में भी आ जाएगा. तब वह पाताल लोक से आसुरी शक्ति को आज़ाद करके इंसानों पर राज करेगा.

श्राप के मुताबिक, राजा परीक्षित को सातवें दिन नागराज तक्षक ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई. राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद से ही कलयुग की शुरुआत मानी जाती है. 

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, राजा परीक्षित की गलती ये रही:

  • पापी को सज़ा मिलनी ही चाहिए, लेकिन कलि पर दया आ गई.
  • राजा परीक्षित ने कहा—’जब तू हाथ जोड़ कर शरण में आ ही गया है तो मैं तुम्हें नहीं मारता; पर मेरे राज्य में तुम नहीं रह सकोगे क्योंकि इस देश में श्रीहरि यज्ञों के रूप में निवास करते हैं, यहां धर्म और सत्य का निवास है; परन्तु तू अधर्म का सहायक है । ‘.
  • कलियुग ने प्रार्थना करते हुए कहा, ‘ये सभी तो ऐसे स्थान है जहां बुरे व्यक्ति जाते हैं। कोई एक ऐसा स्थान भी दीजिए जो अच्छा माना जाता है। ‘.
  • इस पर राजा ने उसे सोने (स्वर्ण) में रहने की अनुमति दे दी और शिकार के लिए आगे निकल गये.
  • राजा परीक्षित यहां भूल गये कि उन्होंने स्वयं भी स्वर्ण मुकुट पहना है.
  • कलियुग को मौका मिल गया और वह सूक्ष्म रूप में राजा के ही सिर पर बैठ गया. 

कुछ लोगों का मानना है कि युधिष्ठिर के राज्याभिषेक के बाद कलिकाल का प्रारंभ हुआ था. कुछ का मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण के स्वर्ग में चले जाने के बाद 3102 ईसा पूर्व कलिकाल का प्रारंभ हुआ था.

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