आखिर क्यों पांडव जनमेजय अपने पिता परीक्षित का बदला तक्षक नाग से नहीं ले पाया..

BY: pankaj

यह उस समय की बात है जब राजा युधिष्ठर के सिंहासन छोड़ने के बाद पांडवों के पोते राजा परीक्षित का हस्तिनापुर पर शासन था

राजा परीक्षित अत्यंत ही न्यायप्रिय और अच्छे राजा थे। हालाँकि कलियुग आ चुका था

संयोगवश राजा परीक्षित ने एक ऋषि के साथ दुर्व्यवहार किया। परीक्षित ने ध्यानमग्न

ऋषि समिका के गले में एक सांप लटका दिया। इसके बाद ऋषि समिका के पुत्र श्रृंगन ने राजा परीक्षित को

श्राप दिया की सात दिनोंके भीतर उनकी सांप के काटने से मृत्यु होजाएगीश्राप पाने केबादबिना किसी हिचकिचाहट

परीक्षित ने अपना सिंहासन छोड़ दिया और अपने बेटे जनमेजय को उनके बाद राजा बना दिया

परीक्षित ने शेष सात दिन भगवान कृष्ण और पांडवों की कहानियों को सुनने में बिताए