Narsingh avatar :जर्मनी में मिली भगवान नरसिंह की 32 हजार साल पुरानी मूर्ति जानिए इस मूर्ति के बारे में

Narsingh avatar : नरसिंह अवतार यह नाम आपने वेदों,पुराणों और धार्मिक कथाओं में सुना ही होगा। नरसिंघ का अर्थ है आधा शेर और आधा इंशान वेद पुराण और शास्त्रों में भगवन नरसिंह से जुडी की कथाओं का वरदान मिलता है। पौराणिक कथाओं की माने तोमहर्षि कशयप के पुत्र हिरण्यकश्य्पू द्वारा भगवान विष्णु के परम भक्त और अपने ही पुत्र प्रह्लाद को मारने के प्रयाश के समय खम्भा फाड् कर भगवन नरसिहं प्रकट हुए थे।

भगवन नरसिंघ के हाथो हिरण्यकश्य्पू का अंत

इसके पश्चात भगवन ने हिरण्यकश्य्पू को उसके महल के द्वार के बीच अपनी जांघो पर रखकर अपने नाखूनों से चीर कर उसका वध कर दिया था। यह तो सभी जानते हैं की नरसिहं भगवन विष्णु के ही अवतार थे। अब यह जानकारियाँ हमें भले ही पौराणिक कथाओं से मिली हो लकिन देश और दुनियां में ऐसे कई प्रमाण हैं जो भगवन विष्णु के नरसिहं अवतार के अस्तित्व को पर्दर्सित करते हैं। आज हम इन्ही तथ्यों के बारे में बात करेंगे।

जर्मनी में भगवान नृसिंह की 32 हजार साल पुरानी मूर्ति : narsingh avatar

इतिहास में यूं तो देश-दुनिया के वैज्ञानिकों और इतिहासकारों ने हडप्पा-मोहन जोदाड़ो से लेकर कई सभ्याताओं को खोजा है लेकिन 1939 में जर्मनी में एक गुफा में मूर्ति मिली जो की भगवन नरसिंह की थी। वो भी ऐसी जगह पर जहां, सिर्फ जीवों और लोगों के कंकाल मिले थे।

भगवान नृसिंह की 32 हजार साल पुरानी मूर्ति


इस मूर्ति को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मूर्ति करीब 32 हजार साल पुरानी है। सन1939 में यह भगवन नरसिंह मूर्ति दूसरे विश्वयुद्ध के चलते सुर्खियां नहीं बंटोर सकी थी। 1998 में जानकारी के अनुसार इस मूर्ति के टुकड़ों को जोड़ा गया तो ये भगवान नृसिंह के रूप में सामने आई। आज से पहले सनातन हिन्दू धर्म को 12 हजार साल पुराना माना गया है लेकिन इस मूर्ति ने बड़े बड़े इतिहासकारों और वैज्ञानिकों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर सनातन हिन्दू धर्म कितना पुराना है। अब सवाल यह उठता है। कि नृसिंह भगवान की यह मूर्ति एशिया में नहीं बल्कि यूरोप में मिलीहै।

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