गौरी के नंदा गजानंद गौरी के नंदा
म्हारा विघ्न हरो
गणराज गजानंद गौरी के नंदा
गौरी के नंदा गजानंद
पिता तुम्हारे है शिव शंकर मस्तक पर चंदा
माता तुम्हारी पार्वती मा ध्यावे जगत बन्दा
गौरी के नंदा गजानंद
मूषक वाहन सुंड सुन्डाला फरसा हाथ ले धार
गल वैजन्ती माल बिराजे चढ़े पुष्प गन्धा
गौरी के नंदा गजानंद
जो नर तुझको नही सुमरता उसका भाग्य मंदा
जो नर तेरी करे सेवना उसका चले धंधा
गौरी के नंदा गजानंद
विघ्न हरण मंगल करण विध्या वर देता
कहता भक्त राम भजन से कटे पाप फंदा
म्हारा विघ्न हरो…
गौरी के नंदा गजानंद