क्यों भगवान शिव ब्रम्हा के रचे सृष्टि का संहार कर देते थे? सृष्टि का संहार करने से रोकने की ब्रम्हा ने क्या योजना बनाई?

क्यों भगवान शिव ब्रम्हा के रचे सृष्टि का संहार कर देते थे: ब्रह्मांड कैसे बनता और नष्ट होता है, इसकी कहानी के कई संस्करण हैं। कुछ कथाओं  के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने कई बार ब्रह्मांड का निर्माण किया, लेकिन अंततः भगवान शिव इसे बार-बार नष्ट कर देते हैं।

भगवान ब्रम्हा ने पाया की भगवान शिव का कोई सांसारिक जीवन नहीं है और वो एक वैरागी हैं, इसलिए वो मोह माया से कोसों दूर हैं और उनका किसी से को लगाव न होने के कारण वो बार बार सृष्टि का संहार करते रहते हैं|

ब्रह्माजी ने यह सुनिश्चित करने के लिए की भगवान शिव फिर से सृष्टि का संहार न कर पाए  एक योजना बनाई| उन्होंने भगवान शिव का विवाह करवाने की योजना बनाई|

उन्होंने सोचा की जैसे ही शिव का सांसारिक जीवन शुरू हो जाएगा और परिवार बन जाएगा तब शिव भी इस सृष्टि से प्रेम करेंगे क्योंकि शिव के अंदर लगाव पैदा होना शुरू हो जाएगा और वो फिर कभी इस सृष्टि का संहार नहीं करेंगे|

Lord Shiva with family
ब्रम्हा के योजनावश भगवान शिव परिवार संग

इस योजना के अंतर्गत ब्रमहाजी ने हिमालय के घर में पार्वती माता का जन्म करवाया और उनके अंदर भगवान शिव के प्रति इच्छा जगाई की वो ही उनके पति हों| इसके बाद पार्वती माता ने शिव भगवान को पति बनाने के लिए घोर तपस्या की और अंत में उनको अपने पति के रूप में प्राप्त किया|

बाद में भगवान शिव को माता पार्वती से कार्तिकेय, गणेश, अशोक जैसे सुंदर संतानें प्राप्त हुई और भगवान शिव का सांसारिक जीवन शुरू हो गया और उन्होंने सृष्टि का संहार करना बंद कर दिया|

Leave a Comment