लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
एक तेरे नाम की माँ एक तेरे नाम की
भवसागर में भटकी भटकी थकी जिव आत्मा
ज्ञान का दीप जला दो मिले परमात्मा ॥ हे माँ!..
पायी रे शरण तेरी कृपा श्री राम की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
गीत तेरा गाये बिना माँ भक्ति नही जागती
दिल में बसाये बिना शक्ति नही जागती ॥ हे माँ!..
भगवती कहू के अम्बा जुदाई तेरे नाम की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
मन सारा मेल धोकर निर्मल मन कीजिये
निर्मल बनाकर मन को सद्बुद्धि दीजिये ॥ हे माँ!..
अब न सताये हे माँ, चिन्ता धन धान्य की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
एक तेरे दर्शन खातिर, एक तेरे प्यार में
ढूँढते फिरे हम तुझको, सारे संसार में॥ हे माँ!..
तुझे नहीं पाया तो यह, दुनियाँ किस काम की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
ले चल हमें तू हे माँ, जहाँ तेरा वास हो
सब कुछ दिखाई दे माँ, इतना प्रकाश हो॥ हे माँ!..
अन्तिम अभिलाषा है माँ, पूर्ण विराम की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की
समझ नहीं आती हे माँ, कहाँ तेरा वास है
जिससे भी पूँछूँ हे माँ, करे परिहास है॥ हे माँ!..
अब तो है आशा केवल, शान्तिकुञ्ज धाम की
लागी रे लगन ओं माँ एक तेरे नाम की