कैसे एक राक्षस के पत्नी का श्राप त्रेता युग में सीता माता के अपहरण का कारण बना? क्यों भगवान विष्णु को एक राक्षस नरेश का भेष धारण करना पड़ा?

कैसे राक्षस के पत्नी का श्राप सीता माता के अपहरण का कारण बना: जब माता पार्वती ने जालंधर का नरसंघार करने के लिए काली का रूप धारण कर उस से युद्ध किया तब जालंधर अपनी जान बचाकर वहाँ से भागने में कामयाब हो गया|

इसके बाद माता पार्वती भगवान विष्णु के पास गई और उनसे मदद की गुहार लगाई। भगवान विष्णु ने कहा कि जालंधर की पत्नी वृंदा बहुत पवित्र है, और जालंधर अपनी पत्नी वृंदा की अडिग पत्नी भक्ति के कारण सभी शक्तियां प्राप्त कर रहा है। जालंधर को हराने के लिए उन्हें उसकी पवित्रता का अपमान करना होगा।

विष्णु ने तब एक भ्रम पैदा किया कि जलंधर को शिव ने मार डाला और विष्णु के द्वारा वापस जालंधर जीवन में लाया गया। इसके बाद वृंदा तब जालंधर को गले लगा लेती है जो वास्तव में जालंधर के भेष में भगवान विष्णु थे।

वृंदा को एहसास हुआ कि उसने जिसको गले लगाया है वह जालंधर नहीं बल्कि जालंधर के भेष में भगवान विष्णु थे|

सीता माता का अपहरण
सीता माता का अपहरण

यह पता चलते ही वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि उनकी पत्नी का भी कोई अपहरण कर लेगा (जो त्रेता युग में सच हो गया जब रावण ने राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया जो विष्णु के ही अवतार थे) और खुद को विसर्जित कर दिया।

इस बीच, जालंधर को भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से मार डाला। जिसके बाद उनकी आत्मा भगवान शिव में विलीन हो गई और वृंदा की आत्मा पार्वती में विलीन हो गई।

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