क्यों किया शिवजी ने कुंभकर्ण के पुत्र का वध? भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग किस तरह अस्तित्व में आया?

क्यों किया शिवजी ने कुंभकर्ण के पुत्र का वध: त्रेता युग में, रावण के भाई कुंभकर्ण को कर्कती नाम की एक महिला से प्यार हो गया और उसने उससे शादी कर ली। विवाह के बाद, कुंभकर्ण लंका लौट आया, लेकिन कर्कटी अपने ही क्षेत्र में ही रह गई।

कुछ समय बाद कर्कटी ने एक पुत्र को जन्म दिया। उस उस पुत्र को भीम नाम दिया। जब श्रीराम ने कुंभकर्ण का वध किया तो कर्कटी ने अपने पुत्र को देवताओं के छल से दूर रखने का निश्चय किया और वहां से दूर चली गई।

जब भीम बड़ा हुआ तो उसे अपने पिता कुंभकर्ण की मृत्यु का कारण पता चला। तब उसने देवताओं से बदला लेने का निश्चय किया।

भीम ने ब्रह्माजी का वरदान पाने के लिए उनकी घोर तपस्या की। बदले में ब्रमहाजी ने उसे शक्तिशाली होने का वरदान दिया और भीम अविश्वसनीय रूप से मजबूत हो गया।

इसे भी पढ़ें: किस मंदिर में की गई पूजा से शिवजी और श्री राम दोनों प्रसन्न होते हैं? कैसे यहाँ पर शिवलिंग अस्तित्व में आया?

उन दिनों कामरूपेश्वर नाम का एक राजा भगवान शिव का भक्त था। एक दिन भीम ने राजा को शिवलिंग की पूजा करते देखा। भीम ने राजा से शिव की पूजा छोड़कर उनकी पूजा करने को कहा।

राजा ने भीम की बात नहीं मानने पर भीम ने उसे बंदी बना लिया। जेल में राजा शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने लगा। जब भीम ने यह देखा तो उसने अपनी तलवार से राजा द्वारा बनाए गए शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास किया, तभी वहां शिवजी प्रकट हुए और भीम का वध कर दिया।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग,शिवजी का भीम के साथ युद्ध
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग,शिवजी का भीम के साथ युद्ध

सभी देवता वहां प्रकट हुए और भगवान शिव से वहां रहने के लिए कहा। शिवजी ने कृतज्ञता पूर्वक सबकी प्रार्थना स्वीकार की और फिर ज्योति के रूप में स्थापित हो गए।

इसे भी पढ़ें:क्यों राक्षसों का राजा जालंधर पार्वती माँ को पाना चाहता था? किस से डर कर जालंधर को युद्ध छोड़कर भागना पड़ा?

इस ज्योतिर्लिंग को भीमाशंकर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ भीम के साथ युद्ध हुआ था। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और यह सभी ज्योतिर्लिंगों में छठे स्थान पर आता है। यह पवित्र ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे से लगभग 110 किलोमीटर दूर सहाद्री नामक पर्वत पर स्थित है।

Leave a Comment