कैसे महाभारत काल में सबसे पहले “फादर्स डे” की शुरुआत हुई? कैसे अनजाने में लिए गए फैसले ने एक पत्नी को उसके पति से मिला दिया?

कैसे महाभारत काल में सबसे पहले “फादर्स डे” की शुरुआत हुई: बहुत वर्ष पहले हिडिम्बा अपने भाई के साथ जंगल में रहती थी, जो बड़ा दबंग था। पांचों पांडव भाइयों के जंगल में आने पर चीजें बदल गईं। हिडिम्बा का भाई पांडवों को मारना चाहता था। हिडिम्बा को जब इसके बारे में पता चला तो उसने अपने भाई की योजना के बारे में पांडवों में सबसे शक्तिशाली भीम को इस बारे में चेतावनी दी। 

इसके बाद भीम ने हिडिम्बा के भाई के साथ युद्ध किया और उसको मार डाला। हिडिम्बा और भीम को प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली। 

उनका एक पुत्र था, जिसका नाम घटोत्कच था, जिसे वे स्नेह से घट्टू कहते थे। एक वर्ष बाद भीम के जाने का समय हो गया था और वो हिडिम्बा हो छोड़ कर अपने भाइयों के साथ वहां से चला गया। 

धीरे धीरे भीम को गए हुए चौदह वर्ष बीत चुके थे।  इस बीच हिडिम्बा ने सुना कि पांडव भाइयों ने राजकुमारी द्रौपदी से विवाह किया था और वो एक महान राज्य के शासक बन गए थे। लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि पांडवों ने अपना राज्य खो दिया है। 

“मुझे आशा है कि भीम मेरे बारे में सोचेंते होंगे, जैसा कि मैं उनके बारे में सोचती  हूं,” हिडिम्बा ने खुद से कहा। यह बात मानो उसके पुत्र घट्टू ने मन ही मन पढ़ लिया हो और वो बोला की आप चिंता न करें। मैं पिताजी को आपके पास लाऊंगा। हिडिम्बा ने मुस्कराते हुए कहा, “बेटा, पहले कुछ खाने को लाओ।” 

हिडिम्बा ने तीन दिनों तक उपवास किया था और घट्टू देख सकता था कि वह भूखी है। वह उसके लिए भोजन की तलाश में निकल पड़ा। उसे ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ा। अपने घर से कुछ ही दूरी पर जंगल से गुजर रहे एक परिवार को उसने देखा। वो परिवार जंगली जानवरों और आदमखोर माने जाने वाले राक्षसों से डरा हुआ था और जंगल से होकर जल्दी जल्दी चल रहा था। “चलो तेजी से चलते हैं,” परिवार के बूढ़े व्यक्ति ने आग्रह किया। यह बोलते ही घट्टू उनके सामने प्रकट हो गया और उनका रास्ता अवरुद्ध कर दिया। 

हिडिंबा और भीम

घट्टू, हालांकि चौदह साल का था पर अपनी उम्र के हिसाब से वो लम्बा था। मांसल शरीर और बिना बालों के सिर के साथ वह भयानक लग रहा था। “कृपया हमें दया दिखाओ। हमें यहां से जाने दो, ”बूढ़े ने निवेदन किया। 

“मेरी माँ को आज अपना उपवास तोड़ना है। मुझे तुममें से एक को उसके खाने के लिए अपने साथ ले जाना है,” घट्टू ने कहा। “मैं तुम्हारे साथ चलूँगा,” बूढ़े व्यक्ति ने कहा। “नहीं। मैं तुम्हारे साथ चलूंगी, ”उसकी पत्नी ने कहा।

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“नहीं,” घट्टू ने कहा। “तुम दोनों बूढ़े और कमजोर हो। तुम मेरी माँ के लिए अच्छा भोजन नहीं बनोगे,” घट्टू ने कहा। फिर घट्टू ने तीनों लड़कों पर नजर डाली, “मैं इनमें से एक लड़के को अपने साथ ले जाऊंगा,” उसने कहा। बूढ़े ने अपना हाथ लड़कों में से एक के चारों ओर रख दिया। “पिता के रूप में, मैं अपने सबसे बड़े बेटे पर निर्भर हूं। मैं उसे नहीं छोड़ सकता।” “मैं अपने सबसे छोटे बेटे को भी नहीं छोड़ सकती,” महिला ने उसे गले लगाते हुए कहा। “ऐसा लगता है तुम्हारे में से मध्यम रह गया है,” घट्टू ने कहा।

यह सुनते ही मध्य के लड़के ने खा “ठीक है, मैं तुम्हारे साथ चलूँगा। पहले मुझे स्नान करने दो, और मैं थोड़ा पानी पीना चाहता हूँ।” यह सुन घट्टू ने एक तालाब की और इशारा कर खा “आप वहाँ तालाब में एक त्वरित डुबकी के लिए जा सकते हैं,” और डुबकी लगा कर जल्दी आओ। तुम्हारे लौटने तक मैं तुम्हारे परिवार के साथ रहूँगा।” 

घट्टू ने मध्यमा के स्नान करने की प्रतीक्षा की। कुछ देर बाद वह अधीर हो गया और उसके लिए चिल्लाने लगा। “मध्यमा, जल्दी आओ! देर किस बात की जल्दी करो!” घट्टू की चीख पूरे जंगल में गूंज उठी। दूर पांडवो में से भीम व्यायाम कर रहे थे। उनके भाई और पत्नी द्रौपदी एक आश्रम में घूमने गए थे। भीम बिल्कुल अकेले थे, जब उन्होंने पुकार सुनी, “मध्यम, जल्दी आओ।” कुंती के तीन पुत्र थे। भीम बीच वाला या मध्यमा था। चीख सुनकर भीम आवाज की ओर दौड़े। आनन-फानन में वह मौके पर पहुंचे। घट्टू इस अजनबी को देखकर हैरान रह गया। पहलवान जैसे दिखने वाले इस आदमी को देखकर बूढ़े आदमी को राहत मिली – “राक्षस के लिए एक उपयुक्त मैच। उसने जल्दी से अजनबी को स्थिति बताई और उससे अपने मंझले बेटे को बचाने की गुहार लगाई। भीम ने घट्टू से वृद्ध और उसके परिवार को जाने देने के लिए कहा। 

“मध्यम के बारे में क्या?” घट्टू ने पूछा। “उसे भी तुम जाने दो,” भीम ने कहा। “तो फिर मेरी उपवास माँ के लिए भोजन का क्या?” घट्टू ने पूछा। “तुम्हारी माँ कौन है?” भीम से पूछा। “हिडिम्बा मेरी माँ है। और मेरे पिता भीम जो एक  पांडव हैं,” घट्टू ने गर्व से उत्तर दिया। 

यह सुनकर भीम बहुत खुश थे कि यह युवा राक्षस उनका पुत्र था। और वह हिडिम्बा से मिलने को आतुर थे। “मैं तुम्हारे साथ चलूँगा,” भीम ने कहा। 

जब घट्टू भीम को अपने साथ हिडिम्बा के पास ले गया तो हिडिम्बा के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा और हिडिम्बा ने घट्टू द्वारा लाए गए ‘भोजन’ को गले लगा लिया। “तुम मुझे वह लाए हो जिसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करटी हूं —”तुम्हारे पिता!” हिडिम्बा ने मुस्कराते हुए कहा। घट्टू यह सुनकर हैरान रह गया। फिर वह मुस्कुराया। “शुभ पितृ दिवस,” उसने भीम को कहा और भीम ने अपने पुत्र को खुशी से अपने गले लगा लिया।

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