क्यों रावण किसी के हाथों नहीं मारा जाता था मगर राम जी ने रावण को मार दिया? रावण को कैसे पुष्पक विमान मिला? क्या सोने की लंका को रावण ने बनाया था?

क्यों रावण किसी के हाथों नहीं मार जाता था: रावण ने त्रिदेवों की तपस्या की और सभी से अलग-अलग शक्तियां और वरदान प्राप्त किए। इन्हीं में से एक वरदान रावण को ब्रह्मा जी ने दिया था जब रावण ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की|

तब रावण की तपस्या से वह बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने रावण से पूछा कि वह क्या वरदान चाहता है? ऐसे में रावण ने ब्रह्मा जी को कहा कि वह अमर होना चाहता है| यह सुनकर ब्रह्माजी ने रावण को यह वरदान दिया की रावण के प्राण उसके नाभि में सुरक्षित रहेंगे, यही कारण है कि रावण किसी भी युद्ध में पराजित नहीं हुआ|

श्री राम के साथ युद्ध में रावण की मृत्यु तभी हुई जब उसके नाभि में श्रीराम का तीर लगा, और श्री राम को विभीषण ने ही बताया था कि रावण के नाभि में अमृत कुंड है| और जब तक उसके नाभि में वार नहीं किया जाएगा तब तक उसकी मृत्यु नहीं हो सकती।

लंका को रावण ने नहीं बनाया था बल्कि लंका को रावण के सौतेले भाई कुबेर ने बनाया था। रावण ने अपने बुद्धिमत्ता का उपयोग कर लंका पर अपना अधिकार जमा लिया।

रावण के पास चार पुष्पक विमान थे जिन्हें रावण अपनी इच्छा अनुसार छोटा बड़ा कर सकता था और अब तक आवश्यकता अनुसार किसी भी दिशा में ले जा सकता था।

पुष्पक विमान
पुष्पक विमान

यह पुष्पक विमान ब्रह्मा से रावण के सौतेले भाई कुबेर ने वरदान स्वरुप में मांगे थे। रावण ने अपना बल का प्रयोग कर कुबेर से यह पुष्पक विमान प्राप्त किए| श्रीलंका के पुरातत्व विभाग के अनुसार रावण के पास 14 पुष्पक विमानओं के लिए हवाई अड्डे भी थे जिनके नाम इस प्रकार है उसानगोडा, गुरुलोपोथा, तोतुपोलकंदा और वरीयापोला।

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